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#GST आने से ये सब ख़त्म हो जाएगा सदा के लिए ... ::: .... Central Excise Duty, Excise Duty levied under the Medicinal Preparations (Excise Duties) Act, 1955, Additional Customs Duty (CVD), Special Additional Duty of Customs, Central Surcharge and Cess, VAT / Sales Tax, Entertainment tax (other than the tax levied by local bodies), Central Sales Tax, Octroi and Entry Tax, Purchase Tax, Luxury Tax, Taxes on Lottery, State Cesses and Surcharges, Road Permit ...
#GST के अंतर्गत वसूली गयी टैक्स की रकम किसको जाएगा ...
1. राज्य के अंदर लेन - देन व्यापार किया तो :: व्यापारी CGST & SGST दोनों लेगा ग्राहक से, CGST केंद्र सरकार के ख़ाते में जमा कराएगा और SGST राज्य सरकार के ख़ाते में जमा कराएगा ... इससे ग्राहक को कोई सरोकार नहीं वो व्यापारी का काम है ...
2. अंतर्राज्यीय लेन - देन व्यापार किया तो : IGST लगेगा जो की भेजे जाने वाले राज्य पर निर्धारित होगा। केंद्र सरकार द्वारा अंतरराज्यीय व्यापार या वाणिज्य के जरिये माल की आपूर्ति पर एक अतिरिक्त कर लगाने का दो साल की अवधि के लिए प्रस्तावित है। इससे ग्राहक को कोई सरोकार नहीं वो व्यापारी का काम है ...
आइये दो उदाहरण से समझते हैं ...
पहला उदहारण व्यापार करने वालों के लिए :::::: अभी का कर सिस्टम ...
लखनऊ से पंजाब माल भेजने पर :::
दाम = 1000. 00
VAT = 10% = 100.00
कुल दाम = 1100.00
इस माल को पंजाब से हिमाचल भेजा गया।
मुनाफा लगाया = 1000 तो कुल दाम हुआ =2100.00
VAT 10% = 210.00
कुल दाम ग्राहक को = 2310.00
अब यही मामला GST लगने के बाद
लखनऊ से पंजाब माल भेजने पर :::
दाम = 1000. 00
CGST 5% = 50.00
SGST 5% = 50.00
कुल दाम = 1100.00
इस माल को पंजाब से हिमाचल भेजा गया।
मुनाफा लगाया = 1000 तो कुल दाम हुआ =2100.00
IGST = 10 % = 210.00
टैक्स input 210 - 100 = 110
कुल दाम ग्राहक को = 2210.00
ग्राहक को फायदा हुआ रुपये 100 का ..
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दूसरा उदहारण उत्पादन करने वालों के लिए :::::: अभी का कर सिस्टम ...
उत्पादन लागत = 100000.00
मुनाफा जोड़े 10% = 10000.00
Excise = 12.5% = 13750.00
उत्पादन के बाद दाम = 123750.00
VAT 12% = 15469.75
उत्पादन करने वाले का फाइनल इनवॉइस व्होलसेलर को = 139218.75
व्होलसेलर का मुनाफा 10% = 13921. 80
VAT 10% = 15314.00
दाम रिटेलर को = 168454.65
रिटेलर मुनाफ़ा 10% = 16845.50
VAT 10% = 18530.00
ग्राहक को दाम = 203830.17
अब यही गणित नए GST के अंतर्गत ::
उत्पादन लागत = 100000.00
मुनाफा जोड़े 10% = 10000.00
Excise = 0 % = 0.00
उत्पादन दाम = 110000.00
SGST @5% = 5500.00
CGST @5% = 5500.00
उत्पादन करने वाले का इनवॉइस वैल्यू = 121000.00
मुनाफा 10% = 12100.00
व्होलसेलर को दाम = 133100.00
SGST @5% = 6655.00
CGST @5% = 6655.00
व्होलसेलर की इनवॉइस रिटेलर को = 146410.00
रिटेलर मुनाफ़ा 10% = 14641.00
दाम = 161051.00
SGST @5% = 8053.00
CGST @5% = 8053.00
ग्राहक को दाम = 177157.00
ग्राहक को कुल मुनाफा = 26673.00
अतः एक जुलाई के बाद से जो भी ग्राहक बिल नहीं लेगा वो खुद के नुक्सान का जिम्मेदार होगा ... मांग कर जबरदस्ती बिल लेना हमारे - आपके लिए मुनाफे का सौदा है ... कुछ चोर टाइप व्यापारियों के चक्कर में न पड़ें ... GST का स्वागत करें ...
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उद्यमी या व्यापारी द्वारा वसूला गया कर जमा कराना उसकी जिम्मेदारी है .. ये वो पहले भी करता आया है .. इससे उपभोक्ता को कोई मतलब नहीं .. 20 लाख से नींचे के व्यापारियों को कोई GST का चक्कर नहीं है .. अतः चाय के खोखे, पान के अड्डे, अण्डा भुर्जी का ठेला, बाटी-चोखा और पकौड़ी की टंकी या सीरी - खरोड़े का ठेला आदि .. इन सबको कोई फर्क नहीं पड़ने वाला .. ये यथावत चलते रहेंगे बिना किसी नुक्सान .. तो GST के नाम पर गरीब के बुरखे के पीछे से छाती कूटन समारोह से भी जाने से बचें .. 75 लाख तक के व्यापारियों को भी पिद्दी से चार return भरने हैं जो कि वो पहले भी करता आया है .. अब ये आसान हो गया है .. सारे टैक्स ऑनलाइन, डेबिट या क्रेडिट कार्ड या NEFT से ही भरे जाँएगे .. बैंक में लाइन लगाने के लिए जाने की जरूरत नहीं .. नगद में कर सिर्फ 2 लाख वार्षिक तक ही भरे जाएंगे ..
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तो ग्राहकों ... Insist for Bill ... और व्यापारी जी आप भी बिल फाड़िये ... GST से भारत का GDP कम से कम 2% बढ़ेगा .. ख़ुशी ख़ुशी GST में घुस जाइये ..
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