फाइनली गरद 2 के बाद आज ओ माई गॉड २ फिल्म भी देख ली।
समीक्षा -
फिल्म की शुरुआत होती है कांति शाह बने पंकज त्रिपाठी से जो भगवान शिव का महाभक्त है और बचपन से मंदिर जाता है।।।
उसके एक बेटा विवेक और एक बेटी और पत्नी है।।।
लड़का मार्डन स्कूल में पढ़ाई करता है एक दिन स्कूल के एक फंक्शन में एक लड़की यह कहकर विवेक के साथ डांस करने से मना कर देती है क्योंकि वो शर्मीला है जबकि उसके दोस्त विवेक को उसका गुप्त अंग छोटा होने का कारण बताकर अपमान करते हैं।।
इस अपमान से पीड़ित पंकज का बेटा विवेक कभी डाक्टर के पास गुप्त अंग बड़ा करने की दवा लेता है, कभी हस्तमैथुन करता है तभी कोई उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल देता है जहां उसकी समाज में बदनामी होती है और पिता पंकज उर्फ कांति शाह की।।। एक दिन कांति शाह भगवान शिव की पूजा करता है तभी शिव बने अक्षय कुमार आ जाते हैं भक्त की मदद करने
तब कांति शाह सेक्स एजुकेशन को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कोर्ट जाता है और सभी स्कूलों, और डाक्टर और शामिल लोगों को कोर्ट में पेश करते हैं तब वही सब होता है जैसे ओमाई गाड फिल्म में परेश रावल करता है वहीं यहां कांति शाह करते हैं कोर्ट केस और विजय।।।। इस विजय में भगवान शिव बने अक्षय कुमार साथ देते हैं और सेक्स एजुकेशन का पाठ्यक्रम स्कूल और कालेज में शामिल करते हैं।।।।
साधारण सी कहानी और ताना बाना बुना कर एक टाइमपास और सामाजिक संदेश के लिए फिल्म बनी है।।।।। हलाकि गरद 2 की तुलना में कम व्यवसाय कर रही है पर देखने लायक है।।।
फिल्म में अक्षय कुमार एक फकीर बनकर आते हैं और पंकज से मिलते हैं।।।
फिल्म में कुछ कामेडी, कुछ सस्पेंस और हां रामायण सीरियल में भगवान राम बने अरूण गोविल जी भी है जो विलेन के किरदार में हैं।।।।
फिल्म को 5 मे से 4 रेटिंग।।।।
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