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शनिवार, 26 फ़रवरी 2011

कुछ महत्वपूर्ण बातें


सावधानीः पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है।
पति-पत्नी में झगड़े होते हों, तलाक को नौबत आ जाए अथवा पति-पत्नी में मन नहीं बनता है तो पति अपने सिर के नीचे सिन्दूर रख के सो जाए और पत्नी अपने सिर के नीचे कपूर रख के सो जाए । सुबह उठे तो कपूर की आरती कर डालें और पति सिन्दूर घर में फ़ेंक दें, तो पति-पत्नी का स्वभाव अच्छा हो जायेगा।
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अगर घर में डकार देने वाले, वायु दोष वाले कोई हों तो प्रातः-सायं थोड़ा कपूर जला दिया करें, जिससे वायु का अनुबंध शांत हो जायेगा और वातावरण सुखद व प्रसन्नता वाला बनेगा। वायु दोष घर से निवृत होने लगेगा। लक्ष्मी की चाह वाले लोग भी कपूर जलाएंl
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जिन्हें मानसिक तनाव हो, वो सोते समय अपने सिरहाने के नीचे १ कपूर रख दें और जागने पर उसे जला दें, तो मानसिक तनाव दूर होगा। पानी में गुरुगीता पड़ कर घर में छांट दें।
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कन्या का विवाह नहीं होता या शीघ्र विवाह करना तो तो शिवगीता पुस्तक में पार्वतीजी का चित्र है, उसे एकटक देखें । पार्वतीजी का मंत्र, जिसे सीताजी जपती थीं वो जपें तो अच्छा है अथवा तो गुरुगीता का पाठ करें । स्नान के पानी में १ चुटकी हल्दी मिलाकर स्नान करें तो हाथों में भी जल्दी हल्दी (शादी) लग जाएगी ।
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जय जय गिरिवर राज किशोरी, जय महेश मुख चंद्र चकोरी
गंगा स्नान के लिए रोज हरद्वार तो जा नही सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुन्य मिलाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है ..
'ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा'
ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करे तो गंगा स्नान का लाभ होगा |
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द्वादशी, अमावस, पूनम और रविवार को तुलसी के पत्ते ना तोडें, बाकी दिन
'ॐ सुप्रभाय नमः, ॐ सुभद्राय नमः'
ये बोलते हुए तुलसी पत्ते तोड़ो तो ये मन्त्र बोलनेवाले का स्वाथ्य/ तबियत ठीक करेगा|
जब भी तुलसी का पत्ता तोड़ो तो सूर्यास्त के बाद नही तोडे और सूर्योदय के पहेले नही तोड़े..
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घर के इशान कोण में तुलसी और भी शुभ मानी जाती है. इस का लाभ जरुर लें
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अगर आपने किसी कारण से आध्यात्मिक शक्ति खो दी है तो आसन पर बैठकर ह्रदय में अनाहत चक्र का ध्यान करें l ऋषि विश्वामित्र जी को भी इसी प्रयोग से खोई हुई शक्ति पुनः प्राप्त हुई थी l
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बारिश के पानी में स्नान करने से बुदापे में लकवा, संधिवात (जोडों का दर्द) आदि की तकलीफें आती हैं l लेकिन धूप निकलती हो, उस समय वर्षा में स्नान करना अमृत स्नान माना गया हैl
ll हरी ॐ ll

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