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शनिवार, 29 मई 2021

लाश तब तक नहीं दी जाती जब तक पूरा पेमेंट न हो जाये

जब अंधे घोड़े को बेचना होता है तो तारीफ उसके पैरों की करी जाती है!



क्या बालकृष्ण या रामदेव के अस्पताल में भर्ती हो जाने से एलोपैथी के कसाई डॉक्टर (अधिकांश) दूध के धुले साबित हो जाते हैं !!

तो फिर कोरोनिल खाने वालों के कारण बाबा भी उजले साबित हो जाते हैं !!  

बात हर गलत का विरोध है।

 न कि पैथी का विरोध !!

लाख बुरे होंगे बाबा रामदेव
पर न तो वे कसाई हैं। जो मजबूर रोगी से बिना इलाज वाले इलाज का 7 से 40 लाख ले रहें हैं !!

कोई भर्त्सना करेगा कि क्यों इतना बिल !!

लाख बुरे होंगे बाबा रामदेव  लेकिन राक्षस नहीं है। 
गैरउपलब्ध और जान न बचाने वाली रेमडीसीवीर दवा नहीं लिखी। 

क्या कोई निंदा करेगा कि जब WHO, ICMR से लेकर तमाम बड़े चिकित्सकों ने इसे जान न बचाने वाली कहा। 
तो फिर इसे क्यों लिखा गया !! 
क्यों लोगों के गहने बिकवा दिए ,कर्जदार बनवा दिया। 
धिक्कार कहिये !!

लाख बुरे होंगे बाबा  
पर पिशाच नहीं है।
ऑनलाइन कंसल्टेंसी के 6,000 से लेकर 50,000 नहीं लिए। 

निःशुल्क परामर्श देते आ रहें हैं। 

कभी हिम्मत करके उनके भी नाम पर थूक दो, जो ये अमानवीय रकम ऑनलाइन फीस की ले रहें हैं !!

लाख होंगे बाबा खराब
पर आदमखोर नहीं हैं।

क्यों नहीं अपनी पैथी से उन कसाई डॉक्टरों को निकाला ! क्यों नहीं, उनके हॉस्पिटल को सीज करके सरकारी हॉस्पिटल बनाया जो नकली रेमडीसीवीर इंजेक्शन भी 75,000 रुपयों में लगाकर रक्तपिशाच बने हुए हैं। 
दर्जनों न्यूज़ लोग देख चुके हैं !!

लाख होंगे बाबा व्यापारी 
पर कफनखोर नहीं है। 
भर्ती रोगी तक समान पंहुचाने से लेकर किट के सबसे अलग अलग राशि नहीं वसूला।

एक ही किट पहनकर पूरे वार्ड में घूमने वाले सबसे अलग अलग किट के लाखों वसूल रहें हैं।

जेनेरिक दवा देकर कई गुना MRP पर बिल बनता है।
और लाश तब तक नहीं दी जाती जब तक पूरा पेमेंट न हो जाये !! 
कभी सोचा कि गिरेबान में झांक लें !!

लाख आंख मारते होंगे बाबा  लेकिन कभी मरे हुए को जिंदा बताकर बिल नहीं लिया !! 

क्या एक भी ऐसा उदाहरण है कि ऐसा करने वालो को चिकित्सा बिरादरी ने भर्त्सना कर उनको कानून के हवाले किया हो !!

लाख मुंहफट होंगे बाबा !! लेकिन कमीशनखोर नहीं हैं !!  
इनको शर्म नहीं आती कि हॉस्पिटल में रजिस्ट्रेशन का क्या तुक है !!

क्या हम किसी दुकान से वस्तु लेंगे, तो उसके यहां रेजिस्ट्रेशन करवाएंगे !!
 
क्यों नहीं इनमें से कोई बोला कि ये गोरखधंधा है !! 
क्यों हर रिपोर्ट पर 40% कमीशन इनको पहुंच जाता है !!
क्या कोई बोला कि ये हराम की कमाई है,इसे बंद करो!!

धन्यवाद thyrocare का जिसने कहा कि हम डॉ को कट या कमीशन नहीं देंगे। और लैब स्थापित कर रोगी को सस्ती सेवाएं दे रहें हैं।

लाख होंगे बाबा नालायक  लेकिन इस लायक तो है ही कि हॉस्पिटल में जो 100 रुपये वाली सांस फुलाने वाली मशीन रेस्पिरोमेट्री के MRP 650 रुपये लेकर सांस फुलाओ कहते हो !! बाबा रोज निःशुल्क करवाता है। 


*एक बार तो कह दो कि जिन लोगों ने प्राणायाम कर फेफड़ों को ठीक रखा,* 
*वे गम्भीर नहीं हुए ,उनको ओक्सिजन पर या तो नहीं जाना पड़ा या रिकवरी जल्दी हुई !!* 

शर्म आती है बाबा से !!

दरअसल बाबा ने कुछ लोगों की पूंछ अपने पांव के नीचे दबा रखी हैं..... वो सालो से बिलबिला रहे है...जब भी काटने का मौका मिलता है... बाबा को काटने के लिए लपकते हैं .....!!


बस उन लोगों की इतनी ही औकात हैं!!

😜😛🤔👹👺

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