नीलम रत्न क्या है ?
सभी ग्रहों के अपने रत्न होते हैं जो ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने एवं उसके सकारात्मक प्रभावों को प्राप्त करने में सहायक होते हैं जिस प्रकार बुध के लिए पन्ना, राहु के लिए गोमेद, सूर्य के लिए माणिक एवं केतु के लिए लहसुनियां होते हैं उसी प्रकार शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए नीलम रत्न धारण किया जाता है, यह अति शीघ्र अपने प्रभावों को दिखाता है और इसे अंग्रेजी में ब्लू स्फायर के नाम से भी जाना जाता है ।
मित्रों नीलम धारण करने से पूर्व यह जान लेना अत्यंत आवश्यक है की नीलम किसे धारण करना चाहिए, पूर्ण ज्ञान से यदि नीलम धारण किया जाए तो रंक भी राजा बन जाता है इसके विपरीत ज्ञान के अभाव के कारण नीलम धारण करने से राजा के रंग बनने की भी संभावना बन सकती है इसीलिए यह जानना अत्यंत आवश्यक है की नीलम कौन धारण करे ?
नीलम किसे धारण करना चाहिए ?
- वृश्चिक राशि वालों, वृष, तुला और मेष राशि वालों को नीलम अवश्य धारण करना चाहिए इसे धारण करने से उनके भाग्य खुलेंगे और जीवन में सकारात्मकता आएगी।
- जिन लोगों की कुंडली में शनि प्रधान है और मुख्य स्थान पर विराजमान है तो ऐसे लोगों के लिए नीलम धारण करना अति उत्तम माना गया है ।
- यदि शनि की उपस्तिथि मेष राशि में हो तो नीलम धारण कर सकते है।
- कुंडली में शनि वक्री, अस्तगल, दुर्बल या नीच का हो तो ऐसे समय नीलम पहनना अत्यधिक लाभदायक है ।
- सबसे जरूरी जिन लोगों की कुंडली में शनि की महादशा या ढैया चल रही है तो ऐसे लोगों के लिए नीलम धारण करना अत्यधिक उत्तम है ऐसे लोग नीलम अवश्य धारण करें।
- मकर और कुंभ राशि वाले जातक भी नीलम का लाभ उठा सकते हैं ।
- शनि षष्ठेश और अष्टमेश के साथ हो तो नीलम रत्न पहनना शुभ माना गया है, शनि आंठवे और छट्ठे भाव में हों तब भी नीलम धारण कर सकते हैं।
नीलम किसे नहीं धारण करना चाहिए ?
- लाल किताब की मानें तो शनि लग्न के ग्यारहवें या पंचम स्थान पर हों तो ऐसी स्तिथि में नीलम नहीं धारण करना चाहिए ।
- शनि ग्रह का सूर्य, चंद्र और मंगल से दृष्टि संबंध होने पर नीलम रत्न नहीं धारण करना चाहिए ।
- शनि शुभ भावों का स्वामी हो और निर्बल स्तिथि में उपस्थित हो तो किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य की सलाह से नीलम रत्न पहनना चाहिए।
नीलम धारण करने के चमत्कारी फायदे ?
मित्रों नीलम धारण करने के अनेकों चमत्कारी फायदे हैं तो चलिए उन सभी फायदों के बारे में जानते हैं -
- नीलम धारण करने से व्यापार में वृद्धि होती है, धन आगमन के अनेकों मार्ग उत्पन्न होते हैं और धारण कर्ता के कार्य क्षेत्र में लगातार प्रगति होती रहती है ।
- इसे धारण करने से समाज में मान प्रतिष्ठा बढ़ती है, धैर्य करने की क्षमता में वृद्धि होती है इसके अलावा तार्किकता, बौद्धिकता और संस्कारों में सुधार आते हैं।
- जो स्त्री या पुरुष डिप्रेशन के शिकार हैं उन्हें यह धारण कर्म चाहिए इसे धारण करने से तनाव से मुक्ति मिल जाएगी जिससे वे सकारात्मक जीवन आनंद ले सकेंगे।
- यदि आप दमा रोग, हड्डियों में दर्द, लकवा, दांत रोग आदि बीमारी से परेशान हैं तो ऐसे समय आपको नीलम धारण करना चाहिए क्योंकि यह ऐसे रोगों को दूर करने में सक्षम है।
- यदि आप कमर दर्द, सिर दर्द व कैंसर जैसे रोग से परेशान हैं तो नीलम धारण करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है इसके अलावा घबराहट बनी रहती है, रात में डर लगता है तो ऐसे समय में भी यह आपके लिए अत्यधिक लाभकारी है।
कैसे पता करें की नीलम आपके लिए शुभ है ?
मित्रों नीलम रत्न धारण करने से पूर्व यह जान लेना भी आवश्यक है कि यह किसके लिए शुभ और किसके लिए अशुभ है कुछ ऐसे उपाय हैं जिनके माध्यम से यह जाना जा सकता है -
- नीलम रत्न धारण करने से पूर्व उसे अपने तकिए के नीचे रखकर सोएं यदि आपको रात को कोई भी बुरा सपना नहीं आता है और नींद अच्छी आती है तो इसका मतलब यह है कि यह रत्न आपके लिए लाभकारी हैं इसके अलावा इसके विपरीत बुरे सपने आते हैं और अच्छी नींद नहीं आती है तो यह रत्न न धारण करें ।
- नीलम रत्न धारण करने के पश्चात अशुभ घटना होने लगे तो रत्न तुरंत निकाल दें ।
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