ये भारतीय तौल के प्रकार हैं जिनमे रत्ती तोला माशा बहुत प्रसिद्ध हुए है क्योंकि इनके द्वारा मुख्यतः स्वर्ण और चांदी के आभूषणों का भार किया जाता है।
इनके विषय मे कुछ तथ्य आप के साथ साझा कर रही हूँ।
प्राचीन भारतीय नाप-तौल :-
- 8 खसखस = 1 चावल,
- 8 चावल = 1 रत्ती, मानक भार 121.497956 मिलीग्राम।
- 8 रत्ती = 1 माशा, मानक भार .9719 ग्राम
- 4 माशा =1 टंक मानक भार 3.8876 ग्राम
- 12 माशा = 1 तोला मानक भार 11.66 ग्राम
- 5 तोला= 1 छटाँक मानक भार 58.3 ग्राम
- 16 छटाँक= 1 सेर मानक भार 932.8 ग्राम
- 5 सेर= 1 पंसेरी मानक भार 4.664 किलोग्राम
- 8 पंसेरी= एक मन मानक भार 37.312 किलोग्राम
'हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार रत्ती के माप को ही मान्यता दी गई है, रत्ती' की विश्वसनीयता पांच सहस्त्र से अधिक वर्षों से स्थापित है।
- इन सभी भार में रत्ती अधिक प्रसिद्ध हुई क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
- रत्ती ,कृष्णला, और रक्तकाकचिंची के नाम से जानी जाती है।
- गूंजा' नाम के एक पौधे की फली के अंदर मिलने वाला बीज है
- जिसका रंग लाल एवं सिरा काला होता है या यह बीज श्वेत रंग मे काले चिन्ह के साथ भी होता है।
- इसका भार कभी परिवर्तित नहीं हो सकता।
रत्ती पर बनी कहावते
- रत्ती भर भी मूल्य नहीं होना
- एक रत्ती भर कर्म एक मन बात के बराबर है।
- रती भर भी अंतर नहीं पड़ना।
तोला के अधिक प्रचलित होने के कारण
- आज के समय मे तोला स्वर्ण चांदी के व्यापार में मुख्य रूप से प्रयुक्त होता है,
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार के नशे के पदार्थों के व्यापार में तोला बहुत प्रसिद्ध है।
- धन्यवाद
चित्रस्त्रोत साभार अंतर्जाल
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